Indicators on baglamukhi sadhna You Should Know

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हेमावांगरूचि शशांक मुकुटां सच्चम्पकस्रग्युताम्

The gods beseeched Bagalamukhi. The goddess grabbed the demon’s tongue and immobilized his energy. Madan requested the goddess that he be worshipped along with her; the goddess granted him this boon, before slaying him.

“स्वतन्त्र तन्त्र’ में भगवान् शङ्कर, पार्वती जी से कहते हैं कि ‘हे देवि! श्रीबगला विद्या के आविर्भाव को कहता हूँ। पहले कृत-युग में सारे जगत् का नाश करनेवाला वात-क्षोभ (तूफान) उपस्थित हुआ। उसे देखकर जगत् की रक्षा में नियुक्त भगवान् विष्णु चिन्ता-परायण हुए। उन्होंने सौराष्ट्र देश में ‘हरिद्रा सरोवर’ के समीप तपस्या कर श्रीमहा-त्रिपुर-सुन्दरी भगवती को प्रसन्न किया। श्री श्रीविद्या ने ही बगला-रूप से प्रकट होकर समस्त तूफान को निवृत्त किया। त्रैलोक्य-स्तम्भिनी ब्रह्मास्त्र बगला महा-विद्या श्री श्रीविद्या एवं वैष्णव-तेज से युक्त हुई।

यदि आप माँ बगलामुखी साधना के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो नीचे दिये गए लेख पढ़ें –

परिक्रमा के उपरांत मंत्रपुष्प-उच्चारण कर, देवी को अक्षत अर्पित करें। फिर पूजा में हमसे हुई ज्ञात-अज्ञात चूकों तथा त्रुटियों के लिए अंत में देवी से क्षमा मांगें और पूजा का समापन करें। अंत में विभूति लगाएं, तीर्थ प्राशन करें और प्रसाद ग्रहण करें।

बगलामुखी मंत्र के नुकसान माँ बगलामुखी साधना कोई नुकसान नहीं होता अगर आप गुरु के आदेश में करती है अगर आप अपनी मंर्जी से करेंगे तो नुक्सान जरूर होगा मां बगलामुखी मंत्र मां बगलामुखी यंत्र के लेया फ़ोन कर सकते है

इस लेया इस को ब्रहास्त्र महाविद्या कहा जाने लगा maabaglamukhi । यह एक महाविद्या जो हर काम में सक्षम है । पर इस का मतलब यह नहीं है के आप इस विद्या को हर छोटे मोटे काम के लिए इस्तमाल ना करो । यह एक महाशक्ति है जो बरह्मांड की स्वामी है यह महाविद्या है कोई खेलौना नहीं है । आग के साथ खेलो गए तो हाथ जल सकता है इस लिए सबसे विनती इस महाविद्या का प्रयोग बहुत जरूरत पड़ने पर ही करो । मां बगलामुखी कवच



- बगलामुखी यंत्र एवं इसकी संपूर्ण साधना यहां देना संभव नहीं है। किंतु आवश्‍यक मंत्र को संक्षिप्त में दिया जा रहा है ताकि जब साधक मंत्र संपन्न करें तब उसे सुविधा रहे।

जिव्हां कीलय बुद्धिम विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा

V, C, LA; The letter ‘V’ refers to Varuni, the letter ‘G’ refers to Siddhida plus the letter ‘La’ refers back to the earth. Consequently, because of the supernatural beauty and erectile ability on the mother, she obtained this identify.

The anger in the indignant man or woman is taken off; an evil minded person gets to be good. The quick relocating particular person will become crippled. The conceit of your conceited person is reduced. Educated individual nearly gets to be a idiot. Salutations into the compassionate Bagalamukhi!)

अ. देवी को पहले पंचामृत से स्नान करवाएं। इसके अंतर्गत दूध, दही, घी, मधु तथा शक्कर से क्रमानुसार स्नान करवाएं। एक पदार्थ से स्नान करवाने के उपरांत तथा दूसरे पदार्थ से स्नान करवाने से पूर्व जल चढ़ाएं। उदाहरण के लिए दूध से स्नान करवाने के उपरांत तथा दही से स्नान करवाने से पूर्व जल चढ़ाएं।

साधना को आरम्भ करने से पूर्व एक साधक को चाहिए कि वह मां भगवती की उपासना अथवा अन्य किसी भी देवी या देवता की उपासना निष्काम भाव से करे। उपासना का तात्पर्य सेवा से होता है। उपासना के तीन भेद कहे गये हैं:- कायिक अर्थात् शरीर से , वाचिक अर्थात् वाणी से और मानसिक- अर्थात् मन से। जब हम कायिक का अनुशरण करते हैं तो उसमें पाद्य, अर्घ्य, स्नान, धूप, दीप, नैवेद्य आदि पंचोपचार पूजन अपने देवी देवता website का किया जाता है। जब हम वाचिक का प्रयोग करते हैं तो अपने देवी देवता से सम्बन्धित स्तोत्र पाठ आदि किया जाता है अर्थात् अपने मुंह से उसकी कीर्ति का बखान करते हैं। और जब मानसिक क्रिया का अनुसरण करते हैं तो सम्बन्धित देवता का ध्यान और जप आदि किया जाता है।

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